केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोनावायरस के फैलते संक्रमण के मामले में शनिवार को बड़ा बयान दिया। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दुनियाभर में 41% की ग्रोथ रेट से कोरोनावायरस का संक्रमण फैल रहा था। अगर सरकार की ओर से शुरूआत में ही कोई एक्शन नहीं लिया गया होता तो भारत में इस ग्रोथ रेट के हिसाब से 15 अप्रैल तक 8.2 लाख लोग संक्रमित होने का अनुमान था।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले देश में संक्रमण की ग्रोथ रेट 28.9% थी। इस हिसाब से भी देखा जाए तो हो सकता है कि 15 अप्रैल तक देश में संक्रमितों का आंकड़ा 1.2 लाख हो जाए। हालांकि, सरकार ने लॉकडाउन के बाद भी कैंटोनमेंट एरिया तय करने जैसे बड़े कदम उठाए हैं, जिससे स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अगर ऐसा नहीं होता तो आज की तारीख में देश में संक्रमितों का आंकड़ा 45 हजार के पास होता।
देश में 586 कोविड हॉस्पिटल तैयार
अग्रवाल ने बताया कि अब तक देश में 586 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तैयार हो चुके हैं। इनमें एक लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड और 11 हजार आईसीयू बेड हैं। हर दिन इनकी संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि शनिवार को स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के अधिकारियों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें जरूरत के हिसाब से पीपीई, वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट समेत अन्य चीजें मुहैया करवाई जाएंगी।
दो-तीन दिन में रैपिड टेस्टिंग किट मिल जाएंगे
आईसीएमआर के प्रतिनिधि ने बताया कि रैपिड टेस्टिंग किट अभी तक नहीं मिल पाई है। दो-तीन दिन में मिल जाएंगी। इसके बाद देशभर में इसके जरिए टेस्ट किए जा सकेंगे। इस किट से यह मालूम चलता है कि इंसान के शरीर में यह वायरस कभी गया था क्या? अगर गया था तो क्या वह ठीक हो गया था? या अभी भी वह संक्रमित है।